लेखनी प्रतियोगिता -17-May-2023 "आज़ाद करो ज़ज्बातों को "

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  "क्यों कैद किया ज़ज्बातों को" क्यों  कैद किए रखा तुमने अपने इन जज्बातों को।  पंख लगाओ साहस के उड़ने दो खुले गगन में तुम।।  देखो तो सही गगन को तुम ...

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